बहुत दिनों के बाद श्र्देय आचार्य बालकृष्ण जी को समर्पित एक पोस्ट लिखने की कोशिश की है |
परम पूजनीय योग ऋषि स्वामी रामदेव जी के गुरुकुलीय सखा वैध राज आचार्य बालकृष्ण जी को उनके व्यक्तित्व व् कृतित्व के कारण आज सभी जानते है |
आचार्य जी ने वर्तमान दौर में आयुर्वेद की परम्परा को पुन : जीवित करके आयुर्वेद के एक युग को पुन :जीवित किया है | महाभारत काल के बाद से ही आयुर्वेद की चिकित्सा व् जीवन पद्धति धीरे धीरे पतन की ओर जा रही थी ओर ब्रिटिश काल के बाद तो इसे लगभग लुप्त सा कर दिया था,जो थोड़ी बची थी वो सिमित दायरे में ही रह गई थी | कहा गया है जब जब संकट आता है तो कोई दिव्य आत्मा धरती पर अवतार लेती है और संकट से निकालती है | इसकी उदाहरण आचार्य जी है | इन्होने आयुर्वेद को संकट से निकाल कर एक नव जीवन का सृजन किया है | आज भी भारत के स्वास्थ्य मंत्रालय के बजट में 97 प्रतिशत पैसा एलोपैथी पर खर्च होता जबकि आयुर्वेद , यूनानी ,होम्योपैथी आदि में मात्र 3 प्रतिशत हिसा खर्च होता है| लेकिन बालकृष्ण जी महाराज ने सरकारी तंत्र पर निर्भर न रहते हुए अपने पुरुषार्थ व् तप से वर्षों तक अनुसंधान किये ओर जन जन तक आयुर्वेद को चिकित्सा पद्धति के साथ साथ जीवन शैली का हिसा बनाने का ज्ञान करवाया लगभग 05 लाख रोगियों का प्रत्यक्ष इलाज आचार्यजी अब तक कर चुके है |
एक सफल वैध के साथ साथ आचार्य जी मैनेजमेंट का भी ज्ञान भली पूर्वक रखते है |पतंजलि योग पीठ ट्रस्ट ,दिव्य योग मंदिर ट्रस्ट, कृपालु बाग आश्रम , दिव्य फार्मेसी , पतंजलि आयुर्वेद, हर्बल फ़ूड पार्क भारत स्वाभिमान के महामंत्री का दायित्व निभाने के साथ साथ योग सन्देश पत्रिका के संपादक का कार्य भी आचार्य जी कर रहे है |
आचार्य जी का टीवी कार्यक्रम रोज आस्था टीवी पर सुबह 7:35 पर और रात्रि को 9:05 बजे आता है| इसको देखकर लाभ उठाने कि कोशिश जरूर करना |
आओ आयुर्वेद को जीवन पद्धति बनाकर ,जीवन बचायें |
परम पूजनीय योग ऋषि स्वामी रामदेव जी के गुरुकुलीय सखा वैध राज आचार्य बालकृष्ण जी को उनके व्यक्तित्व व् कृतित्व के कारण आज सभी जानते है |
आचार्य जी ने वर्तमान दौर में आयुर्वेद की परम्परा को पुन : जीवित करके आयुर्वेद के एक युग को पुन :जीवित किया है | महाभारत काल के बाद से ही आयुर्वेद की चिकित्सा व् जीवन पद्धति धीरे धीरे पतन की ओर जा रही थी ओर ब्रिटिश काल के बाद तो इसे लगभग लुप्त सा कर दिया था,जो थोड़ी बची थी वो सिमित दायरे में ही रह गई थी | कहा गया है जब जब संकट आता है तो कोई दिव्य आत्मा धरती पर अवतार लेती है और संकट से निकालती है | इसकी उदाहरण आचार्य जी है | इन्होने आयुर्वेद को संकट से निकाल कर एक नव जीवन का सृजन किया है | आज भी भारत के स्वास्थ्य मंत्रालय के बजट में 97 प्रतिशत पैसा एलोपैथी पर खर्च होता जबकि आयुर्वेद , यूनानी ,होम्योपैथी आदि में मात्र 3 प्रतिशत हिसा खर्च होता है| लेकिन बालकृष्ण जी महाराज ने सरकारी तंत्र पर निर्भर न रहते हुए अपने पुरुषार्थ व् तप से वर्षों तक अनुसंधान किये ओर जन जन तक आयुर्वेद को चिकित्सा पद्धति के साथ साथ जीवन शैली का हिसा बनाने का ज्ञान करवाया लगभग 05 लाख रोगियों का प्रत्यक्ष इलाज आचार्यजी अब तक कर चुके है |
एक सफल वैध के साथ साथ आचार्य जी मैनेजमेंट का भी ज्ञान भली पूर्वक रखते है |पतंजलि योग पीठ ट्रस्ट ,दिव्य योग मंदिर ट्रस्ट, कृपालु बाग आश्रम , दिव्य फार्मेसी , पतंजलि आयुर्वेद, हर्बल फ़ूड पार्क भारत स्वाभिमान के महामंत्री का दायित्व निभाने के साथ साथ योग सन्देश पत्रिका के संपादक का कार्य भी आचार्य जी कर रहे है |
आचार्य जी का टीवी कार्यक्रम रोज आस्था टीवी पर सुबह 7:35 पर और रात्रि को 9:05 बजे आता है| इसको देखकर लाभ उठाने कि कोशिश जरूर करना |
आओ आयुर्वेद को जीवन पद्धति बनाकर ,जीवन बचायें |
आचार्य बालकृष्ण को सादर नमन...
ReplyDeleteतरुण भाई आचार्य पर यह पोस्ट लिख कर आपने खुश कर दिया|
आचार्य बालकृष्ण जैसे संत देश की अनमोल थाती हैं...हम भारतीयों व सभी राष्ट्रभक्तों को आचार्य बालकृष्ण पर गर्व है...
उनका योगदान यह देश कभी नहीं भुला सकता| हम सब इस अभियान में बाबा रामदेव व आचार्य बालकृष्ण के साथ हैं|
तरुण भाई आप मेरे ब्लॉग को Follow कर रहे हैं...मैंने अपने ब्लॉग के लिए Domain खरीद लिया है...पहले ब्लॉग का लिंक pndiwasgaur.blogspot.com था जो अब www.diwasgaur.com हो गया है...अब आपको मेरी नयी पोस्ट का Notification नहीं मिलेगा| यदि आप Notification चाहते हैं तो कृपया मेरे ब्लॉग को Unfollow कर के पुन: Follow करें...
ReplyDeleteअसुविधा के लिए खेद है...
धन्यवाद....
Bahut Achchi jankari....desh ki virasat ko sahejane me aise logo ka yogdan hai....
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