क्या हुआ शीर्षक पढ़ते ही चौंक गए न ........जी हाँ अब कुछ ऐसा ही होने वाला है |
हमारे देश में कोटा की पहचान प्रतियोगी परीक्षाओं की कोचिंग सेंटर के रूप में है। कोटा में देश भर के छात्र कोचिंग के लिए आते हैं। बढ़ते तनाव और परीक्षा में सफलता नही मिलने के कारण यहां आत्महत्या के मामले भी तेजी से बढ़े हैं।
कोटा होस्टल असोसिएशन के अध्यक्ष नवीन मित्तल ने पीटीआई को बताया, ''एसोसिएशन ने फ़ैसला लिया है कि सभी हॉस्टल में पंखों को गोपनीय स्प्रिंग उपकरण और साइरन सेंसर से जोड़ा जाएगा।'' जो कि
''सीलिंग फैन में लगे गोपनीय स्प्रिंग उपकरण 20 किलोग्राम से ज़्यादा का भार सहन नहीं कर पाएगा। इसके अलावा गोपनीय सेंसर का अलार्म भी बजने लगेगा जिससे लोग सतर्क हो जाएंगे।''
हमारे देश में कोटा की पहचान प्रतियोगी परीक्षाओं की कोचिंग सेंटर के रूप में है। कोटा में देश भर के छात्र कोचिंग के लिए आते हैं। बढ़ते तनाव और परीक्षा में सफलता नही मिलने के कारण यहां आत्महत्या के मामले भी तेजी से बढ़े हैं।
कोटा के डीएम रवि सुरपुर ने बीबीसी संवाददाता शिल्पा कन्नन से कहा कि आत्महत्या के मामले में इस समस्या की जड़ तक जाने की ज़रूरत है। उन्होंने कहा छात्र अवसाद और तनाव के कारण आत्महत्या कर रहे हैं।
कोटा में ज़्यादातर ख़ुदकुशी पंखों के ज़रिए फांसी लगाकर हो रही है। इसी को ध्यान में रखते हुए कोटा हॉस्टल असोसिएशन ने स्प्रिंग उपकरण और साइरन लगाने का फ़ैसला किया है कोटा होस्टल असोसिएशन के अध्यक्ष नवीन मित्तल ने पीटीआई को बताया, ''एसोसिएशन ने फ़ैसला लिया है कि सभी हॉस्टल में पंखों को गोपनीय स्प्रिंग उपकरण और साइरन सेंसर से जोड़ा जाएगा।'' जो कि
''सीलिंग फैन में लगे गोपनीय स्प्रिंग उपकरण 20 किलोग्राम से ज़्यादा का भार सहन नहीं कर पाएगा। इसके अलावा गोपनीय सेंसर का अलार्म भी बजने लगेगा जिससे लोग सतर्क हो जाएंगे।''
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